हर तरफ चौड़ी-चौड़ी पेड़ों से ढकी सड़कें होती,
सब तरफ हरियाली ही हरियाली होती
हर तरफ खुली-खुली जगह होती
ना तो माचिस के डिबियों जैसे घर होते
ना यूं उबलते उफनते गटर ही होते
ना यूं उबलते उफनते गटर ही होते
न इतनी संकरी बदबूदार गलियां होती
हर जगह न इतनी लंबी-लंबी कतारें होती
न तो जिंदगी इतनी बेचारी होती
न लोग यहां घुट-घुट कर जीने को मजबूर होते
ना ही इतना प्रदूषण होता और न हर तरफ कूड़ा कचरा होता
हर तरफ इतनी अफरा-तफरी न होती
सड़कों पर भी इतनी मारा-मारी न होती
न लोगों की जिंदगी इतनी सस्ती होती
अगर जो पूरी दिल्ली लुटियन जोन होती
तो हमारी दिल्ली कितनी खूबसूरत होती।।
*(NDMC क्षेत्र जैसे राष्ट्रपति भवन, इंडिया गेट, कनॉट प्लेस)

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