कनॉट प्‍लेस में सरे आम उड़ता धुआं

जहां तक कनॉट प्‍लेस की बात है यहां तो मिडिल लेन में मौजूद वाइन शॉप पर आपको पुरुष और महिलाएं सरेआम शराब/बीयर पीते नजर आयेंगे।

Photo Courtesy: horizon-magazine.eu
निश्चित रुप से आप कनॉट प्‍लेस गये होंगे, यह दोस्‍तों और परिवार के साथ घूमने-फिरने की बेहतरीन जगह है, मुझे भी वहां जाना अच्‍छा लगता है मैं लगभग हर रोज वहां से गुजरता हूं। यहां पर बच्‍चे, बड़े और बूढ़े सभी घूमते नजर आते हैं, दिल्‍ली से ही नहीं बल्कि पूरे देशभर के लोग वहां घूमते नजर आते हैं।
मगर कुछ लोग ज्‍यादा बदमिजाज होते हैं उन्‍हें अपने सिवाय किसी की फिक्र नहीं होती, लोग सरे आम सिगरेट, सिगार और पाइप पीते नजर आते हैं यहां तक कि वे लोगों के बीच चलते-चलते सिगरेट पीते रहते हैं। वीकेंड्स पर तो यहां हर तरफ सिगरेट की बू आती रहती है। सिगरेट पीने के मामलें में महिलाएं भी पुरुषों से कम नहीं हैं। सभी को पता है कि सार्वजनिक जगह पर सिगरेट पीना कानून अपराध है मगर हमारे देश में कानून से कौन डरता है जब 22 अपराधिक मामलों वाला व्‍यक्ति किसी राज्‍य का मुख्‍यमंत्री बन सकता है तो आम लोग के लिए इतना तो जायज ही होना चाहिए।
सरकार को इस मामले में सिक्‍कम से सबक लेना चाहिए वहां आप सिगरेट की दुकान पर सिगरेट खरीदने के बाद दुकान के आस-पास या कहीं और नहीं पी सकते हैं अगर आपको सिगरेट पीनी है तो आपको ‘नो स्‍मोकिंग जोन’ में जाना होगा। अगर आप सिगरेट बेचने वाली दुकान के पास सिगरेट पीते नजर आते हैं तो न केवल आपको जुर्माना देना होगा बल्कि दुकानदार पर भी जुर्माना लगाया जायेगा।  
जहां तक कनॉट प्‍लेस की बात है यहां तो मिडिल लेन में मौजूद वाइन शॉप पर आपको पुरुष और महिलाएं सरेआम शराब/बीयर पीते नजर आयेंगे। न उन्‍हें कानून की जानकारी है और अगर है भी तो वे परवाह नहीं करते हैं। उन्‍हें अन्‍य लोगों की जरा भी फिक्र नहीं होती है अगर आपने टोक दिया तो ऐसे देखते हैं मानों हमने गुनाह कर दिया हो।
फास्‍ट-फूड का जमाना है लोग बाहर गैलरी में बनी बेंचों पर बैठकर खाते हैं और कूड़ा-कचरा वहीं फेंक कर चले जाते हैं। वहीं बैठकर बड़ी ब्रेफिक्री से सिगरेट पीते रहते हैं हर तरफ सिगरेट की बू फैली रहती है, जहां देखो सिगरेट के बड्स नजर आते हैं और यहां गलियारों के कोने लोगों ने गुटखा खा-खा कर लाल कर दिये हैं। भिखारियों और बिना अनु‍मति के पटरी पर दुकाने लगाने वालों से गलियारे ग्रस्‍त हैं इन लोगों के बच्‍चे भी वहीं घूमते रहते हैं और यहां-वहां गंदगी फैलाते हैं।
प्रशासन भी ऐसी हरकतों को नहीं रोकता है वहां न कोई भी पुलिस कर्मी तैनात नहीं होता है अगर होता है भी तो कुर्सी लगाकर आराम से बैठा रहता है। यह जगह काफी संवेदनशील है क्‍योंकि यहां दिल्‍ली का सबसे व्‍यस्‍तम मेट्रो स्‍टेशन और अंडरग्राउंड पालिका मार्केट है मगर मैनें आज तक यहां पुलिस कर्मियों को गश्‍त लगाते हुए नहीं देखा है।
प्रशासन के साथ-साथ आम लोगों का भी फर्ज बनता है कि ऐसे कार्यों को हतोत्‍साहित किया जाय, कानून और जीवन के खतरों के बारे में जागरुकता फैलायी जाये। जगह-जगह साइनबोर्ड लगाने चाहिए ताकि इस तरह की खतरनाक गतिविधियों को रोका जा सके।
यह लेख मेरे अनुभव पर आधारित है, कृपया अपने विचार अवश्‍य प्रकट करें।

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