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घर में बना मसाला न केवल शुद्ध होता है बल्कि सेहतमंद भी होता है इसलिए
हमेशा कोशिश कीजिए कि आप साबुत मसाला खरीदें और उसे घर पर आवश्यकता अनुसार
पीसें। पीसते समय ध्यान रखेंं कि इसे धीरे-धीरे पीसा जाना चाहिए नहीं तो
इसमें मौजूद तेल उड़ जाते हैं और यह मन चाहा स्वाद नहीं देता है।
दोस्तों जैसा कि हम सभी जानते हैं गरम का मतलब है तीखा या भुना हुआ और मसाला मतलब मिश्रण, तो चलिए सबसे पहले यह जानते हैं कि गरम मसाले में कौन-कौन से मसाले पिसे होते हैं।
8 लोगों के खाने के लिए सामग्रियां
2 चम्मच जीरा
2 चम्मच साबुत धनिया
1 चम्मच इलायची के दाने
1 चम्मच दालचीनी की छाल
1 चम्मच काली मिर्च के दाने
1 तेज पत्ता
6 साबुत लौंग
चौथाई चम्मच जायफल
सलाह: उत्तम स्वाद के लिए रायते में एक चम्मच गरम मसाला इस्तेमाल करें।
बनाने की विधि: उत्तर भारत में विभिन्न मसालों को तैयार करने की
परमपरा हजारों सालों से है। सामान्य नियम यह है कि मसाले को खाने में
परोसने से पहले डाला जाता है। मसाले सर्दियों के मौसम के लिए ज्यादा
उपयुक्त रहते हैं।
जायफल के अलावा सभी मसालों को एक पैन में, मध्यम आंच पर भून लें। कोई भी
फैट इस्तेमाल न करें। मसालों की महक आने और उनकी मसालेदार खुशबू के हवा
में फैलने तक तक भूनें। महत्वूर्ण बात – मसालों को जलने न दें, वरना उनके
औषधीय गुण खत्म हो जायेंगे। 3-5 मिनट आमतौर पर पर्याप्त हैं और आपको
मसालों को भूनते समय लगातार चलाते रहना चाहिए। भूनने के आखिर मिनट में,
घिसा हुआ जायफल डालें और उसके बाद मिश्रण को कटोरे में डालें और ठंडा होने
दें। मसालों को पीसने के लिए ग्राइंडर इस्तेमाल करें और आखिर में मिश्रण
को एक एयर टाइट जार में रख दें। मिश्रण को लगभग एक महीने तक रखा जा सकता
है।
ऐसे अनकों मसालों और उनके गुणों, स्वास्थ्य पर प्रभाव आदि के बारे में जानने के लिए मेरी इस पुस्तक को अवश्य खरीदें क्योंकि यह मसालों के बारे में आपके सभी प्रश्नों के उत्तर देती है।


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