क्या आपने इमा कीथेल यानि मदर्स मार्केट का नाम सुना है, शायद नहीं सुना होगा। मदर्स मार्केट मणिपुर के ख्वैरमबंद बाजार में स्थित है, यह एशिया का सबसे बड़ा बाजार है जिसे सिर्फ महिलाएं ही चलाती हैं, यहां पुरुषों का दुकान लगाना मना है। इस बाजार की स्थापना आज से लगभग 500 साल पहले हुई थी, और तब से लेकर अब तक इसमें बहुत सारे बदलाव आयें है लेकिन एक बदलाव कभी नहीं आया वो है पुरुषों का दखल, इस बाजार को पूरी तरह से केवल महिलाएं संभालती हैं, महिलाएं यहां कई पीढ़ियों से काम कर रही हैं।पुरुष कभी-कभी भारी सामान उठाने में मदद करते हैं या चाय और खाने-पीने की चीजें बेचने आते हैं लेकिन वे यहां ऐसे ही नहीं टहल सकते हैं, केवल सामान की खरीददारी करने जा सकते हैं।
यहां करीब 4 हजार महिलाएं काम करती हैं और महिलाओं को यहां दुकान लगाने के लिए लाइसेंस लेना होता है। यह बाजार न केवल व्यापार करने की जगह है बल्कि जानकारियों के आदान-प्रदान की भी सबसे अच्छी जगह है, यहां महिलाएं देश और दुनिया की खबरें एक-दूसरे के साथ साझा करती हैं जिससे वे पूरी दुनिया के बारे में अवगत रहती हैं, इस बाजार के अपने मौखिक नियम हैं जिनका पालना करना अनिवार्य होता है, एक नियम यह भी है कि यहां व्यवसाय करने का तरीका नहीं बदला जा सकता हैं यानि यदि कोई महिला कई सालों से कपड़े बेच रही हैं तो वह सब्जियां या अन्य सामान बेचना शुरु नहीं कर सकती है।
पिछले 60 दिनों से यहां युनाइटेड नागा काउंसिल (UNC) ने नाकाबंदी कर रखी है जिससे वहां जीवन काफी मुश्किल हो गया है सभी आवश्यक चीजों जैसे पेट्रोल, खाने-पीने की चीजों के दाम आसमान छू रहे हैं, लेकिन इस बाजार में ज्यादातर चीजें किफायती दामों पर मिल रही हैं क्योंकि यहां बिकने वाली अधिकतर चीजें स्थानीय रुप से उगायी जाती हैं, जबकि इमा किथेल के नजदीक में स्थित पओना बाजार में ज्यादातर दुकानों और व्यवसायिक संस्थानों में बिक्री में कमी आयी है या वे ग्राहकों के लिए ताजा स्टॉक लाने के लिए नाकेबंदी का इंतजार कर रहे हैं।
इस बाजार में सभी तरह की चीजें बेची जाती हैं, कपड़े, सब्जियां, मछली, फल, मिट्टी की बनी चीजें, मसाले आदि। अगर आप कभी इंफाल जायें तो इमा किथेल जाना न भूलें।


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