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| Ed Whitlock |
रतन टाटा ने कहा है:-
"हर व्यक्ति में कुछ विश्ोष गुण और कुछ विशेष प्रतिभा होती है
इसलिए व्यक्ति को सफलता प्राप्त करने के लिए अपने गुणों की पहचान करनी चाहिए"
इसलिए व्यक्ति को सफलता प्राप्त करने के लिए अपने गुणों की पहचान करनी चाहिए"
यहां मैं जिस इंसान की बात करने वाला हूं उसने इस कथन को सच साबित कर दिया है। अगर इंसान में किसी काम को करने की लगन और जज्बा हो तो कुछ भी नामुमकिन नहीं है। मजबुत इच्छा शक्ति के सामने बड़ी-बड़ी मुश्किल घुटने टेक देती है और जहां तक उम्र की बात है यह तो बस एक संख्या है।
जी हां ऐसा ही एक नाम है कनाडा के 85 वर्षीय ईड व्हाइटलॉक, जिन्होंने पिछले साल अक्टूबर में 42 किमी. की टोरन्टो वॉटरफ्रंट मैराथन 3 घंटे और 56 मिनट्स में पूरी करके धूम मचा दी थी, मगर ऐसा कारनामा उन्होंने पहली नहीं किया है, इससे पहले भी वे ऐसे कई कारनामें कर चुके हैं।
जी हां ऐसा ही एक नाम है कनाडा के 85 वर्षीय ईड व्हाइटलॉक, जिन्होंने पिछले साल अक्टूबर में 42 किमी. की टोरन्टो वॉटरफ्रंट मैराथन 3 घंटे और 56 मिनट्स में पूरी करके धूम मचा दी थी, मगर ऐसा कारनामा उन्होंने पहली नहीं किया है, इससे पहले भी वे ऐसे कई कारनामें कर चुके हैं।
ब्रिटिश मूल के कनाडाई ईड व्हाइटलॉक पेशे से रिटायर्ड इंजीनियर हैं, वे सन 2000 में 3 घंटे से कम समय में मैराथन पूरी करने वाले सबसे अधिक उम्र के व्यक्ति बने थे।
वे ऐसे पहले व्यक्ति भी हैं जिन्होंने 2003 में 70 साल उम्र वर्ग में 2 घंटे और 59 मिनट में मैराथन दौड़ पूरी की, 70 से 74 साल उम्र वर्ग के सभी मैराथन रिकॉर्ड उनके नाम हैं।
जहां तक मेरी बात है मैने एयरटेल दिल्ली हाफ मैराथन को 2 घंटे और 25 मिनट का समय लिया था, सोचिए फुल मैराथन में मुझे कितना समय लगेगा।
व्हाइटलॉक ने मैराथन दौड़ना सयोंग वश ही शुरु किया जब उन्हें पता चला कि उनका सबसे छोटा बेटा एक साल तक बिना ब्रेक लिए हर रोज दौड़ लगाने के बाद मैराथन में हिस्सा लेने वाला था। उनका बेटा उस समय केवल 14 साल का था। व्हाइटलॉक ने अपने बेटे को रोकने की कोशिश की लेकिन आखिर में बिना इच्छा के उसके साथ दौड़ना शुरु कर दिया। हालांकि मैराथन पर ध्यान केन्द्रित नहीं करने के बावजूद उन्होंने 48 वर्ष की उम्र में 2 घंटे 31 मिनट 23 सेकेंड में मैराथन पूरी की। व्हाइलॉक के फेफड़े 25 साल के युवा जितने स्वस्थ हैंं जिसके कारण वेआसानी से दौड़ लेते हैं और आसानी से थकते नहीं हैं।
81 साल की उम्र में, रविवार, सितंबर 16, 2012 को, 1 नंबर की बिब पहनते हुए, व्हाइलॉक ने कनैडियन और अनऑफिसियल वर्ल्ड हॉफ-मैराथन रिकॉर्ड को अपने शहर की पहली रेस, मिल्टन हॉफ मैराथन को 1 घंटा 38 मिनट 59 सेकेंड्स में पूरा करते हुए तोड़ दिया। 2013 में, उन्होंने अपने रिकॉर्ड को उसी रेस में कम करते हुए 1 घंटा 38 मिनट 11 सेकेंड कर लिया।
वे सच में असाधारण व्यक्ति हैं, न कोई स्पेशल डाइट लेते हैं, ना ही वजन उठाते हैं, न आइस बॉथ लेते हैं और ना ही मालिश कराते हैं। वे कोच के निर्देशों का पालन नहीं करते हैं। उन्होंने टोरंंटो मैराथन अपने 15 साल पुराने जूते पहन कर पूरी की। वे कोई भी दवा भी नहीं लेते हैं, केवल अपने घुुटनों के लिए सप्लीमेंट लेते हैं इसके अलावा वे कोई फैंसी कपड़े, या उपकरण भी इस्तेमाल नहीं करते हैं।
जिस उम्र में लोगों को बोलने में भी दिक्कत होती है उस उम्र में ऐसे कारनामे केवल Superhuman ही कर सकता है।
जिस उम्र में लोगों को बोलने में भी दिक्कत होती है उस उम्र में ऐसे कारनामे केवल Superhuman ही कर सकता है।
आशा है आप व्हाइटलॉक की कहानी से प्रेरित हुए होंगे।
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धन्यवाद


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