रेलवे स्‍टेशनों और बस अड्डों पर लुटता बचपन


अक्‍टूबर 2016 की बात है छत्‍तीसगढ़ की रहने वाली एक 15 साल की लड़की घर से भागकर नई दिल्‍ली रेलवे स्‍टेशन पहुंचती है जहां से उसे एक मानव तस्‍कर अरमान नाम का व्‍यक्ति नौकरी और रहने की जगह दिलाने के बहाने फुसलाकर सराय काले खां अपने घर लेकर चला जाता है और 15 दिनों तक अपनी लिव-इन पार्टनर हसीना की मदद से उसके साथ बलात्‍कार करता है।
बाद में वे दोनों इस लड़की को रु. 70 हजार रुपये में पप्‍पू यादव नाम के आदमी को बेच देते हैं। वह उसे राजस्‍थान लेकर जाता है और उसके साथ बलात्‍कार करता है।
फिर उसे मध्‍य प्रदेश के उज्‍जैन ले जाया जाता है जहां पप्‍पू यादव जबरदस्‍ती उससे शादी करता है और उसका शोषण करता है।
यादव लड़की को फरीदाबाद लेकर आता है जहां उसका योन शोषण करता है उसके डराता-धमकाता है और बाहर नहीं निकलने देता है। 30 जनवरी को लड़की किसी तरह से उसके चंगुल से भाग निकलती है और निजामुदीन रेलवे स्‍टेश्‍न पहुंचती है जहां उसकी मुलाकात बदकिस्‍मती से दुबारा हसीना से हो जाती है। हसीना उससे माफी मांगती है और उसे विश्‍वास दिलाती है कि वह उसका बहुत ध्‍यान रखेगी। उसके बाद हसीना उसे कुछ मिलाकर पिला देती है और उसे अपने घर सराय काले खां लेकर जाती है। वह और उस लिव-इन पार्टनर दुबारा उसे रु. 20 हजार रुपये में अफरोज़ नाम के व्‍यक्ति को बेच देते हैं। अफरोज़ अपने दोस्‍त ज़ाकिर के साथ मिलकर उसका बलात्‍कार करते हैं।
1 फरवरी को लड़की किस्‍मत से वहां से फिर भागने में कामयाब रहती है लेकिन दूसरे ही दिन हसीना और अफरोज उसे ढूंढ लेते हैं और जैसे ही वे उसे घसीटते हुए अपने कमरे पर ले जा रहे होते हैं तो बीएसएफ जवान की नजर उन पर पढ़ जाती है और सैनिक महिला हेल्‍पलाइन नंबर 181 पर कॉल कर देता है।
इसके बाद पुलिस कार्यवाही करती है और फरवरी 2017 में यादव, अफरोज और जाकिर को दिल्‍ली और फरीदाबाद से पकड़ लेती है। उसके बाद हसीना और अरमान को भी उनके घर से पकड़ लिया जाता है
इन 4 महीनों के दौरान लड़की को जबदरस्‍ती दो बार बेचा जाता है और दिल्‍ली, राजस्‍थान, मध्‍य प्रदेश और हरियाणा में अलग-अलग जगहों पर 3 लोगों द्वारा 4 महीनों तक गैंग रेप किया जाता है।
इतना टॉर्चर और दरिंदगी सहने के बाद इंसान पर क्‍या गुजरती है उसके बारे में सोचने पर ही रोंगटे खड़े हो जाते हैं। सोचिए अगर बीएसएफ जवान की नजर उन पर न पड़ती तो क्‍या होता क्‍या वह लड़की कभी सामान्‍य जिंदगी जी पाती बिल्‍कुल नहीं वह केवल भोग-विलास की वस्‍तु बन कर रह जाती।
ऐसा नहीं है कि यह केवल लड़कियों के साथ होता है बल्कि लड़कों के साथ भी होता है, ऐसा ही वाकया पिछले साल मेरे परिचित के साथ भी हुआ। उनके भाई का लड़का बिहार से मां बाप से झगड़कर दिल्‍ली रेलवे स्‍टेशन पहुंच गया वहां उसे एक व्‍यक्ति मिला और वह उसे बहला-फुसलाकर यूपी के किसी गांव में लेकर गया और वहां उसने उसे किसी और के हवाले कर दिया।
इसके बाद लड़के को एक किसान ने रख लिया और उसे खेती एवं अन्‍य कामों पर लगा दिया लेकिन गनीमत यह रही, किसान से उससे कहा कि वह अपने मां-बाप को बता दें वह ठीक-ठाक है जिससे परिवार वालों को पता लग गया कि लड़का कहां पर है। काफी खोजबीन और मशक्‍कत के बाद उन्‍होंने लड़के को वापिस भेज दिया और वह सकुशल घर पहुंच गया।
सोचिए अगर वह लड़का फोन नहीं करता तो वह बस बंधुआ मजदूर बन कर रह जाता और उसका जीवन नष्‍ट हो जाता है।
हर साल न जाने ऐसे कितने बच्‍चे हैं जो मां-बाप से मामूली बात पर कहा-सुनी होने की वजह से घर छोड़ देते हैं और न केवल अपना भविष्‍य बल्कि अपनी जिंदगी भी दांव पर लगा देते हैं। एक 15 साल की लड़की मां से झगड़ने के बाद महज इसलिए घर छोड़ देती है क्‍योंकि उसकी मां उस पर शादी का दबाव बना रही है! क्‍या इसका और कोई समाधान नहीं हो सकता था!
पुलिस जानती है कि रेलवे स्‍टेशनों और बस अड्डों पर ऐसी घटनाएं घटती रहती है लेकिन वे इस दिशा में अपनी ओर से कोई कदम नहीं उठाते हैं, पुलिस को चाहिए कि वे इन जगहों पर साउंड सिस्‍टम के जरिए चेतावनी देते रहें और ऐसे लोगों से सतर्क रहने की हिदायत दें।
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